लाय सजीवन लखन जियाये। श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।’ त्वमस्मिन कार्य निर्योगे प्रमाणं हरिसत्तमा जम कुबेर दिकपाल जहां ते। कवि कोबिद कहि सके कहां ते॥ राम दूत अतुलित बल धामा। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा॥ साधु सन्त के तुम रखवारे। असुर निकन्दन राम दुलारे॥ One particular who recites this Chalisa a hundred times https://directoryorg.com/listings13222299/the-fact-about-hanuman-mantra-that-no-one-is-suggesting